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Zohran Mamdani: जन्म से लेकर मेयर (न्यूयॉर्क) बनने तक| Life story of Zohran Mamdani | Who is Zohran Mamdani | The NK Lekh

Zohran Mamdani: जन्म से लेकर मेयर (न्यूयॉर्क) बनने तक| Life story of Zohran Mamdani | Who is Zohran Mamdani | The NK Lekh  Who is Zohran Mamdani? जन्म से लेकर मेयर बनने तक का सफर  | The NK Lekh    ज़ोहरान क्वामे ममदानी का जन्म 18 अक्टूबर 1991 को युगांडा के कैंपाला में हुआ था। वे प्रसिद्ध विद्वान पिता मोहम्मद ममदानी और फिल्म निर्माता माता मीरा नायर के एकमात्र पुत्र हैं। उनके माता-पिता दोनों भारतीय मूल के हैं – पिता गुजरात के मुस्लिम परिवार से और माता पंजाब की हिंदू हैं। बचपन में, जब वे पाँच वर्ष के थे, उनका परिवार युगांडा से दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन चला गया, जहाँ उनके पिता के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ केप टाउन में पोस्ट मिला। सात वर्ष की आयु में ज़ोहरान का परिवार अमेरिका आकर न्यूयॉर्क सिटी में बस गया। अपने बचपन को उन्होंने “सरल” बताया, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि अधिकांश न्यूयॉर्कवासियों की जिंदगी उस तरह की नहीं है जैसी उनकी थी। शिक्षा और प्रारंभिक जीवन न्यूयॉर्क में आने के बाद ज़ोहरान ने स्थानीय सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने ब्रोंक्स हाई स्कूल ऑफ साइंस से हाई स्कूल...

रमन प्रभाव का कैसे हुआ प्रादुर्भाव | Story Behind Raman's Effect Invention | The NK Lekh

 रमन प्रभाव का कैसे हुआ प्रादुर्भाव | Story Behind Raman's Effect Invention | The NK Lekh  रमन प्रभाव का कैसे हुआ प्रादुर्भाव | The NK Lekh  खोज की पृष्ठभूमि  20वीं सदी की शुरुआत में प्रकाश की प्रकृति समझने में कई महत्वपूर्ण प्रगति हो चुकी थी। लॉर्ड रेले ने 19वीं सदी में आकाश के नीले रंग की व्याख्या करते हुए बताया कि वायुमंडल के अणु छोटे तरंगदैर्ध्य (नीले) प्रकाश को अधिक प्रकीर्णित करते हैं। 1923 में आर्थर कॉम्पटन ने एक्स-रे प्रकीर्णन (कॉम्पटन प्रभाव) के अध्ययन से प्रकाश की कण-स्वरूपता की पुष्टि की, जिससे प्रकाश के क्वांटम-स्वरूप सिद्धांत को बल मिला। ठीक उसी वर्ष जर्मन भौतिक विज्ञानी एडॉल्फ स्मेकल ने प्रकाश का इन-इलास्टिक प्रकीर्णन (inelastic scattering) सिद्धांत रूप में पूर्वानुमानित किया था। इन सभी उपलब्धियों ने प्रकाश प्रकीर्णन (scattering) की बुनियाद रखी, जिसपर सी. वी. रमन की खोज आधारित थी। रमन की प्रेरणा: समुद्र का नीला रंग और प्रकाश के अध्ययन सी. वी. रमन की वैज्ञानिक खोजों की शुरुआत समुद्र के गहरे नीले रंग के रहस्य से हुई। 1921 में इंग्लैंड से भारत लौटते समय रम...

सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का लौह पुरुष क्यों कहा जाता है? Why Is Sardar Vallabhbhai Patel Called The Iron Man Of India| The NK Lekh

सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का लौह पुरुष क्यों कहा जाता है? सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का लौह पुरुष क्यों कहा जाता है? The NK Lekh  सरदार वल्लभ भाई पटेल को "लौह पुरुष" (Iron Man) का खिताब उनके अटूट संकल्प, दृढ़ नेतृत्व और भारत को एकीकृत करने के ऐतिहासिक कार्यों के लिए दिया गया है। यह उपाधि उनकी शक्तिशाली इच्छाशक्ति, निर्णायक कार्यों और राष्ट्रीय एकता के प्रति अडिग प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उनकी स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका और स्वतंत्रता के बाद भारत को एकजुट करने के महत्वपूर्ण योगदान ने उन्हें यह सम्मानजनक पदवी दिलवाई है। 1. बारदोली सत्याग्रह (1928) - सरदार की उपाधि का कारण पटेल को "सरदार" की उपाधि महात्मा गांधी ने 1928 में बारदोली सत्याग्रह के दौरान दी। यह आंदोलन गुजरात के सूरत जिले में किसानों द्वारा अत्यधिक कराधान के खिलाफ एक ऐतिहासिक किसान आंदोलन था। आंदोलन की पृष्ठभूमि: 👉1926-28 के दौरान, बंबई प्रेसीडेंसी की सरकार ने किसानों पर भूमि राजस्व में 30% की वृद्धि करने का निर्णय लिया। 👉किसानों से 22% अतिरिक्त कर लगाया गया, जो उस समय के लिए अत्यंत भारी था। 👉कि...

Chhath Puja Special Best Prompts | Give Ultra Mode To Your Look | The NK Lekh

Chhath Puja Special Best Prompts | Give Ultra Mode To Your Look | The NK Lekh  👇👆👇 Chhath Puja Special Best Prompts 1st Devotee standing in river water at sunrise, holding bamboo basket with diyas and fruits, warm golden reflection, ultra-realistic 4K cinematic portrait” ‎ 2nd ‎[yourself] in red and yellow saree performing Chhath Puja rituals, sunrise glow on face, calm expression, river and trees in background, realistic 4K portrait” ‎ 3rd ‎Close-up of bamboo basket with fruits and diyas, sunrise reflection on water, natural light, ultra-realistic 4K festival portrait” ‎ 4th ‎Family performing rituals together on riverbank, traditional attire, warm morning sunlight, ultra-realistic 4K cinematic portrait” ‎ 5th ‎Man holding diya in hands, standing knee-deep in river water, sunrise reflection, calm and peaceful expression, realistic 4K portrait” 6th ‎Close-up of devotee(this man) praying with folded hands, sunrise glow on face, traditional attire, soft river background, 4K ultra-...

APJ Abdul Kalam के मिसाइल मैन बनने की कहानी| The NK Lekh

  APJ Abdul Kalam के मिसाइल मैन बनने की कहानी| The NK Lekh  Story Of President Of The People On India - APJ Abdul Kalam  डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम : द मिसाइल मैन  डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (1931–2015) – भारतीय वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति, जिन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” की उपाधि प्राप्त है। डॉ. कलाम को 1940–50 के दशक में मिसाइल और स्पेस प्रौद्योगिकी के अग्रदूतों के रूप में मान्यता मिली थी। उनके नेतृत्व में भारत ने स्वदेशी प्रक्षेपण यान (SLV-III) और बैलिस्टिक मिसाइल तकनीकों का विकास किया, जिससे उन्हें यह खिताब मिला। डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक मध्यमवर्गीय मत्स्य एवं मुस्लिम परिवार में हुआ था। बचपन में आर्थिक कठिनाइयाँ होने के बाद भी उन्होंने कड़ी मेहनत की – समाचार पत्र बेचकर शिक्षा के खर्च जुटाए और गणित व विज्ञान में अपना रूझान गहरा किया। उन्होंने थिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से 1954 में भौतिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1955 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। कलाम...

Best Hindi Quotes By Neeraj | The NK Lekh

 1. पढ़ना जरूरी है  ज्ञान पेलने वाले ने अनपढ़-गरीब से कहा  ‎ कि जिंदगी में कुछ करना जरूरी है, ‎ इसीलिए हर बार डराया ये कहकर  ‎ कि पढ़ना जरूरी है, ‎  ‎ और अनपढ़-गरीब बेचारा डरता गया  ‎ उसे लगा इसी राह में चलना जरूरी है, ‎ इसीलिए कभी कोई सवाल न पूछा उन ज्ञानियों से  ‎ ये समझकर  ‎ कि पढ़ना जरूरी है, ‎ ‎ ज्ञान उन्हें लुटते गए और ये भी खुशी से लुटाते गए  ‎ गरीबी से जो निकलना जरूरी है, ‎ बस चरवाहे की भांति अपने बच्चों को भेज दो चरने स्कूल  ‎ क्योंकि पढ़ना जरूरी है, ‎ ‎ इसीलिए अनपढ़–गरीब पढ़ाए नहीं ठगे जाते हैं  ‎ कौन बताएं कि संभलना जरूरी है, ‎ क्या, कैसे और क्यों पढ़ना है? मत जानो  ‎ बस पढ़ना जरूरी है ***

आएं हैं दिल से निकल के, कुछ पंक्तियां ग़ज़ल के | Sher & Hindi Ghazal By Neeraj Vishwakarma

  The NK Lekh | Neeraj Vishwakarma  * निगाहें   न ये देखता तुम्हें, न शुरू होती ये प्रेम कहानी  ‎ ये निगाहें ही इश्क के बुनियाद की जड़ है  ‎ ‎ न ये तुम्हें निहारता न दिल को मिलता पैगाम  ‎ ये निगाहें ही इस फरियाद की जड़ है  ‎ ‎ न ये रातों को जगाता, न होता ये पागलपन  ‎ ये निगाहें ही सारे उन्माद की जड़ है  ‎ ‎ न जमाने की नजर में आता, न होता दरकिनार  ‎ ये निगाहें ही सारे फसाद की जड़ है  ‎ ‎ न तुम आँखों में बसते, न बहते इससे आंसू  ‎ ये निगाहें ही सारे अवसाद की जड़ है